अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं! अमेरिकी क्रूड ऑयल वायदा, जिसे West Texas Intermediate (WTI) कहा जाता है, 70 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गया है। ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, दुनियाभर में तेल की मांग बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन उतना नहीं बढ़ पा रहा है। इसके अलावा, अमेरिका में तेल का भंडारण कम हो रहा है, जिससे कीमतें और बढ़ रही हैं। तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ ने भी उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की है, जिससे आपूर्ति कम है।
मुख्य जानकारी :
- मांग में तेजी: दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं कोरोना महामारी से उबर रही हैं, जिससे फैक्ट्रियों, गाड़ियों और हवाई जहाजों में तेल की ज़रूरत बढ़ गई है।
- आपूर्ति में कमी: OPEC+ देशों ने तेल उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी की है, लेकिन यह मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।
- अमेरिकी भंडार में गिरावट: अमेरिका में तेल का भंडारण कम हो रहा है, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयर: तेल की कीमतें बढ़ने से तेल उत्पादक कंपनियों, जैसे ONGC और Oil India, के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- पेट्रोलियम उत्पाद: पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे परिवहन और अन्य उद्योगों पर असर पड़ेगा।
- मुद्रास्फीति: तेल की बढ़ती कीमतें मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती हैं, जिससे आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ेगा।