कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड वायदा 0.91 डॉलर यानी 1.17% गिरकर 76.58 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
मुख्य जानकारी :
कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट कई कारणों से हुई है, जिनमें प्रमुख हैं:
- अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में बढ़ोतरी: अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार उम्मीद से ज़्यादा बढ़ा है, जिससे मांग को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
- चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामले: चीन में कोविड-19 के मामलों में फिर से तेज़ी देखी जा रही है, जिससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ने की आशंका है। इससे तेल की मांग कम होने का अनुमान है।
- डॉलर में मजबूती: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं में कमजोरी से भी कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बना है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयरों पर दबाव: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों के शेयरों पर दबाव देखने को मिल सकता है।
- पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी: अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है।
- मुद्रास्फीति पर असर: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिल सकती है।
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