भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे पॉपुलर तरीका UPI है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ऐप्स के मार्केट शेयर पर 30% की सीमा लगाने की योजना बनाई थी। इसका मतलब था कि कोई भी UPI ऐप, जैसे PhonePe या Google Pay, कुल UPI लेनदेन का 30% से ज़्यादा हिस्सा नहीं रख सकता था।
पहले यह सीमा दिसंबर 2024 तक लागू होनी थी, लेकिन अब NPCI ने इस समय सीमा को बढ़ाकर दिसंबर 2026 कर दिया है। इसका मतलब है कि PhonePe और Google Pay जैसे बड़े UPI ऐप्स को अपने मार्केट शेयर को कम करने के लिए ज़्यादा समय मिलेगा।
मुख्य जानकारी :
- बड़ी कंपनियों को राहत: यह फैसला PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों के लिए अच्छी खबर है, जिनका मार्केट शेयर 30% से ज़्यादा है। उन्हें अपना कारोबार धीरे-धीरे बदलने का मौका मिलेगा।
- छोटी कंपनियों के लिए मौका: इससे छोटे UPI ऐप्स को बढ़ने और अपना मार्केट शेयर बढ़ाने का ज़्यादा समय मिलेगा।
- ग्राहकों के लिए फायदा: ज़्यादा प्रतिस्पर्धा से UPI सेवाएं बेहतर हो सकती हैं और ग्राहकों को नए-नए ऑफर मिल सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- डिजिटल पेमेंट कंपनियों में निवेश: यह खबर डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए सकारात्मक है। निवेशक Paytm, PhonePe जैसी कंपनियों के शेयरों पर नज़र रख सकते हैं।
- बैंकिंग सेक्टर पर नज़र: UPI लेनदेन बढ़ने से बैंकों को भी फायदा होगा। बैंकिंग सेक्टर में निवेश करने वाले लोग इस पर ध्यान दे सकते हैं।
स्रोत: