भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4% रखा है। यह अनुमान बताता है कि आने वाले समय में महंगाई कुछ कम हो सकती है।
RBI के मुताबिक, इस साल (वित्त वर्ष 25) में औसत मुद्रास्फीति 4.8% रहने की उम्मीद है, जो पहले के 4.5% के अनुमान से थोड़ी ज़्यादा है। इसका मतलब है कि फिलहाल चीज़ों के दाम बढ़ते रहेंगे, लेकिन अगले साल से इसमें कुछ कमी आ सकती है।
मुख्य जानकारी :
- RBI का यह अनुमान बताता है कि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए RBI के प्रयास काफी हद तक कामयाब हो रहे हैं।
- पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीज़ों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है, लेकिन RBI को उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें कमी आएगी।
- अगर मुद्रास्फीति कम होती है तो RBI ब्याज दरों में कमी कर सकता है, जिससे लोन सस्ता हो सकता है और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- कम मुद्रास्फीति का मतलब है कि आपके पैसे की कीमत ज़्यादा समय तक बनी रहेगी।
- अगर RBI ब्याज दरों में कमी करता है तो शेयर बाजार में तेज़ी आ सकती है, खासकर उन कंपनियों के शेयरों में जो लोन पर ज़्यादा निर्भर होती हैं।
- निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाते रहना चाहिए और दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देना चाहिए।