भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ी योजना लेकर आई है। इसके तहत सरकार लगभग 3 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देगी और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों पर आयात शुल्क (टैरिफ) में कटौती करेगी। इसका मकसद है भारत में ही इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का उत्पादन बढ़ाना और विदेशों से आयात कम करना।
सरकार चाहती है कि भारत दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बने। इसके लिए सरकार कंपनियों को भारत में कारखाने लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्य जानकारी :
- यह कदम भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की कीमतें कम हो सकती हैं और लोगों को सस्ते दामों पर सामान मिल सकता है।
- इससे “मेक इन इंडिया” पहल को भी बढ़ावा मिलेगा और भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी आने की उम्मीद है।
- टैरिफ में कटौती से कुछ कंपनियों को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए निवेश करने से पहले पूरी जानकारी हासिल कर लें।
- लंबी अवधि के निवेश के लिए यह एक अच्छा क्षेत्र हो सकता है क्योंकि सरकार इसे लगातार बढ़ावा दे रही है।