भारत सरकार ने हाल ही में ‘ग्रीन स्टील’ बनाने के लिए नए नियम और मानक बनाए हैं। इसका मतलब है कि अब स्टील बनाते समय प्रदूषण कम करने और पर्यावरण का ध्यान रखने पर ज़ोर दिया जाएगा।
ग्रीन स्टील बनाने के कई तरीके हैं, जैसे कि:
- पुराने लोहे का इस्तेमाल: इससे नया लोहा बनाने की ज़रूरत कम होगी और ऊर्जा की बचत होगी।
- नई तकनीक का इस्तेमाल: ऐसी तकनीकें जो कम प्रदूषण फैलाती हैं और ऊर्जा बचाती हैं।
- हरित ऊर्जा का इस्तेमाल: स्टील बनाने के लिए सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसी साफ ऊर्जा का इस्तेमाल करना।
इन नियमों से भारत में स्टील उद्योग को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि भारत दुनिया में ग्रीन स्टील का एक बड़ा उत्पादक भी बन सकता है।
मुख्य जानकारी :
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है।
- स्टील उद्योग से बहुत प्रदूषण होता है, इसलिए ग्रीन स्टील बनाना बहुत ज़रूरी है।
- नए नियमों से स्टील कंपनियों को ग्रीन स्टील बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- इससे भारत को अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
निवेश का प्रभाव :
- ग्रीन स्टील के बढ़ते बाजार में निवेश करने का अच्छा मौका है।
- जो कंपनियां ग्रीन स्टील बनाने में आगे रहेंगी, उनके शेयरों में तेज़ी आ सकती है।
- निवेशकों को ऐसी कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए जो नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं और पर्यावरण का ध्यान रख रही हैं।