भारत की शराब बनाने वाली कंपनियाँ इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की के लिए एक अलग और खास मानक बनाने की कोशिश कर रही हैं। वे चाहती हैं कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) इसके लिए नए नियम बनाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की अब दुनिया भर में मशहूर हो रही है और इसे 60 देशों में निर्यात किया जाता है। कंपनियों का मानना है कि अगर एक अलग मानक होगा, तो इसकी गुणवत्ता और प्रतिष्ठा बनी रहेगी।
इसके साथ ही, वे इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की के लिए ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशन’ टैग भी हासिल करना चाहती हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता और बढ़ेगी।
मुख्य जानकारी :
- गुणवत्ता नियंत्रण: अलग मानक होने से नकली या घटिया व्हिस्की पर रोक लगेगी और असली इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की की पहचान बनी रहेगी।
- अंतर्राष्ट्रीय पहचान: इससे इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक अलग और खास पहचान मिलेगी।
- उद्योग का विकास: इससे भारतीय शराब उद्योग, खासकर सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा और यह क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा।
निवेश का प्रभाव :
यह खबर उन कंपनियों के लिए अच्छी है जो इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाती हैं। अगर FSSAI अलग मानक बनाता है और ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशन’ टैग मिलता है, तो इन कंपनियों की बिक्री बढ़ सकती है और उनका मुनाफा भी। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है कि वे इन कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखें और सोच-समझकर निवेश करें।
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