दोस्तों, एक अच्छी खबर है! अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच भारत में कोयले का आयात 3.1% कम हो गया है। इसका मतलब है कि हम पहले से ज़्यादा कोयला अपने देश में ही पैदा कर रहे हैं। पिछले साल इसी समय की तुलना में इस साल हमने 149.39 मिलियन टन कोयला आयात किया है, जो पिछले साल के 154.17 मिलियन टन से कम है।
मुख्य जानकारी :
- घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी: इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण है भारत में कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी।
- बिजली उत्पादन में वृद्धि: खास बात यह है कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 3.87% की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसके बावजूद आयात कम हुआ है।
- आत्मनिर्भरता की ओर: यह दिखाता है कि भारत कोयले के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
निवेश का प्रभाव :
- कोयला कंपनियों के लिए सकारात्मक: यह खबर कोयला उत्पादन करने वाली भारतीय कंपनियों जैसे कोल इंडिया के लिए अच्छी है।
- ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव: यह दर्शाता है कि भारत ऊर्जा के मामले में अपनी नीतियों में बदलाव कर रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी ध्यान दे रहा है।
- दीर्घकालिक विकास: कोयले पर निर्भरता कम होने से प्रदूषण कम होगा और भारत के दीर्घकालिक विकास को बल मिलेगा।
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