हाल ही में अमेरिका ने रूस के कुछ तेल उत्पादकों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि इससे भारत के तेल आयात पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। अगले दो महीनों के लिए ज़रूरी तेल पहले ही रास्ते में है।
हाँ, आगे चलकर कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, जैसे रूसी तेल पर मिलने वाली छूट कम होना। लेकिन भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है, इसलिए रूस हम तक तेल पहुँचाने के रास्ते निकाल ही लेगा।
इसके अलावा, रुपये के गिरने से भारत के सेवा निर्यात को फायदा होने की उम्मीद है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन युद्ध के कारण प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर है।
- भारत सरकार का मानना है कि फिलहाल तेल आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी।
- रुपये के कमज़ोर होने से IT और दूसरे सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा मिल सकता है क्योंकि विदेशी ग्राहकों के लिए सेवाएँ सस्ती हो जाएँगी।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस क्षेत्र पर नज़र रखें। अगर रूसी तेल महँगा होता है, तो तेल कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
- IT और सेवा क्षेत्रों में निवेश के अच्छे मौके हो सकते हैं।
- रुपये में गिरावट से निर्यात करने वाली कंपनियों को फायदा होगा, इसलिए उन पर भी ध्यान दें।