दिसंबर में भारत की थोक महंगाई दर बढ़कर 2.37% हो गई है, जबकि नवंबर में यह 1.89% थी। विशेषज्ञों ने 2.20% रहने का अनुमान लगाया था। थोक महंगाई दर में यह बढ़ोतरी मुख्यतः खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों और फलों के दाम बढ़ने की वजह से हुई है।
मुख्य जानकारी :
- थोक महंगाई दर में यह बढ़ोतरी चिंता का विषय है क्योंकि इससे आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ सकता है।
- खाद्य पदार्थों के दामों में तेजी से खुदरा महंगाई दर भी प्रभावित हो सकती है।
- सरकार और RBI को महंगाई पर काबू पाने के लिए कदम उठाने पड़ सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- बढ़ती महंगाई दर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसका असर शेयर बाजार पर पड़ सकता है।
- FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियों के शेयरों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है क्योंकि महंगाई बढ़ने से लोगों की खरीदारी कम हो सकती है।
- कृषि क्षेत्र से जुड़े शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।