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जापान का 10-साल का बॉन्ड यील्ड 2011 के बाद सबसे ऊपर

5 महीना ago वैश्विक अंतर्दृष्टि 2 Mins Read

जापान में सरकार द्वारा जारी किए गए 10 साल के बॉन्ड का यील्ड (यानी रिटर्न) 2011 के बाद अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुँच गया है। इसका मतलब है कि जापान में निवेशक अब सरकार से उधार लेने के लिए ज़्यादा ब्याज मांग रहे हैं।

ऐसा क्यों हो रहा है?

  • बढ़ती महंगाई: जापान में महंगाई बढ़ रही है, जिससे निवेशक चिंतित हैं कि उनके निवेश का मूल्य कम हो सकता है। इसलिए वे अपने निवेश पर ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं।
  • ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद: जापान का केंद्रीय बैंक (बैंक ऑफ जापान) लंबे समय से ब्याज दरों को बहुत कम रखे हुए था। अब उम्मीद है कि बैंक ब्याज दरों को बढ़ा सकता है, जिससे बॉन्ड यील्ड भी बढ़ रहा है।
  • दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरें: अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी ब्याज दरें बढ़ रही हैं। इससे जापान में भी ब्याज दरें बढ़ने का दबाव है।

मुख्य जानकारी  :

  • यह खबर जापान की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बॉन्ड यील्ड बढ़ने से सरकार को उधार लेना महंगा हो जाता है।
  • इससे कंपनियों के लिए भी लोन लेना महंगा हो सकता है, जिससे निवेश और विकास प्रभावित हो सकता है।
  • जापानी येन की कीमत में गिरावट आ सकती है, जिससे आयात महंगा हो जाएगा।

निवेश का प्रभाव :

  • अगर आप जापान में निवेश करते हैं, तो आपको सावधान रहने की ज़रूरत है।
  • बॉन्ड यील्ड बढ़ने से बॉन्ड की कीमतें गिर सकती हैं, जिससे आपको नुकसान हो सकता है।
  • शेयर बाजार पर भी इसका असर हो सकता है, क्योंकि कंपनियों के लिए लोन महंगा होने से उनकी कमाई कम हो सकती है।
  • सोने जैसी सुरक्षित निवेश विकल्पों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।

स्रोत:

  • Trading Economics
  • The Japan Times
  • NDTV Profit
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Rajiv Kumar
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राजीव कुमार एक स्टॉक ब्रोकर और वित्तीय सलाहकार हैं, जिन्हें बाजार की गहरी समझ है। वह एक सफल फर्म के मालिक हैं जहाँ वह व्यक्तियों और कंपनियों को स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करते हैं। राजीव अपने ग्राहकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत सलाह और रणनीति प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें वित्त उद्योग में एक मजबूत प्रतिष्ठा दिलाई है।

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