ज़ायडस लाइफसाइंसेज को एक झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ज़ायडस की ब्रेस्ट कैंसर की दवा ‘सिग्रिमा’ के मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है और मामला दिल्ली हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है।
यह मामला स्विस कंपनी F. Hoffmann-La Roche द्वारा दायर एक पेटेंट उल्लंघन मुकदमे से जुड़ा है। Roche का आरोप है कि ज़ायडस की ‘सिग्रिमा’ दवा, उनकी पेटेंट वाली दवा ‘Perjeta’ की नकल है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ज़ायडस को ‘सिग्रिमा’ बेचने से रोकने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में यह आदेश हटा लिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले को फिर से हाईकोर्ट के पास भेज दिया है।
मुख्य जानकारी :
- ज़ायडस लाइफसाइंसेज के लिए यह एक बड़ा झटका है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली।
- अब दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में अंतिम फैसला लेगा।
- अगर हाईकोर्ट Roche के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो ज़ायडस को ‘सिग्रिमा’ बेचने पर रोक लग सकती है, जिससे कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ेगा।
- इस मामले का फैसला भारतीय दवा कंपनियों के लिए एक मिसाल कायम करेगा, खासकर जब पेटेंट उल्लंघन की बात हो।
निवेश का प्रभाव :
- ज़ायडस लाइफसाइंसेज के निवेशकों के लिए यह खबर चिंता का विषय है।
- हाईकोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना ज़रूरी है।
- निवेशकों को ज़ायडस के शेयरों में सावधानी बरतनी चाहिए और कंपनी से जुड़ी खबरों पर नज़र रखनी चाहिए।