अमेरिका में कच्चे तेल का भाव आज गिर गया। WTI क्रूड ऑयल का दाम 2% घटकर 68.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। मतलब, तेल 1.40 डॉलर सस्ता हो गया।
मुख्य जानकारी :
- तेल की कीमतों में यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है। जैसे, अमेरिका में तेल का भंडार बढ़ गया है, जिससे मांग कम हो सकती है।
- दुनिया भर में मंदी की आशंका भी तेल की कीमतों को नीचे ला रही है। अगर अर्थव्यवस्था धीमी होगी, तो फैक्ट्रियां कम उत्पादन करेंगी और गाड़ियां कम चलेंगी, जिससे तेल की ज़रूरत कम हो जाएगी।
- ओपेक (तेल उत्पादक देशों का संगठन) ने भी तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे बाजार में तेल की सप्लाई बढ़ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में गिरावट का असर कई क्षेत्रों पर पड़ सकता है।
- तेल कंपनियां: तेल कंपनियों का मुनाफा कम हो सकता है।
- एयरलाइंस: एयरलाइंस के लिए अच्छी खबर है क्योंकि उनका खर्चा कम होगा।
- ऑटोमोबाइल: गाड़ियों की मांग बढ़ सकती है क्योंकि पेट्रोल-डीजल सस्ता होगा।
- अगर आपको लगता है कि तेल की कीमतें और गिरेंगी, तो आप तेल कंपनियों के शेयर बेचने पर विचार कर सकते हैं।
- लेकिन याद रखें, बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है। कोई भी निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से ज़रूर बात करें।
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