कल ब्रेंट क्रूड का भाव 1.84% बढ़कर 73.52 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। इसका मतलब है कि कच्चा तेल महँगा हो रहा है।
मुख्य जानकारी:
- कच्चे तेल की कीमतों में यह बढ़ोतरी कई कारणों से हो रही है, जैसे कि ओपेक (तेल उत्पादक देशों का संगठन) द्वारा उत्पादन में कटौती और अमेरिका में तेल भंडार में कमी।
- चीन में माँग बढ़ने की उम्मीद भी कीमतों को ऊपर धकेल रही है।
- भारत, जो अपनी तेल ज़रूरतों का 85% आयात करता है, के लिए यह चिंता की बात है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की बढ़ती कीमतों से पेट्रोल और डीजल महँगे हो सकते हैं, जिससे आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा।
- इससे महँगाई भी बढ़ सकती है, क्योंकि परिवहन का खर्च बढ़ने से कई चीज़ों के दाम बढ़ जाते हैं।
- तेल कंपनियों (ONGC, Reliance Industries) के शेयरों में तेजी आ सकती है, लेकिन एयरलाइंस और पेंट कंपनियों जैसे तेल पर निर्भर उद्योगों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
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