कर्नाटक सरकार ने खनिज अधिकारों और खनिज भूमि पर टैक्स लगाने के लिए एक नया कानून बनाया था, जिसे “कर्नाटक खनिज अधिकार कर विधेयक 2024” कहा जाता है। इस कानून के मुताबिक, खनन कंपनियों को 2005 से अब तक का टैक्स देना होगा, जो कि एक बड़ी रकम है।
लेकिन कर्नाटक के राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है और इसे वापस राज्य सरकार के पास भेज दिया है। राज्यपाल का कहना है कि इस विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान हैं जिन पर और विचार करने की ज़रूरत है।
मुख्य जानकारी :
- यह विधेयक खनन कंपनियों, जैसे वेदांता, के लिए एक बड़ी समस्या है क्योंकि उन्हें पिछले 19 सालों का टैक्स एक साथ देना पड़ सकता है।
- राज्यपाल के इस फैसले से कर्नाटक सरकार को झटका लगा है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस टैक्स से उन्हें काफी राजस्व मिलेगा।
- इस विधेयक के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
निवेश का प्रभाव :
- वेदांता जैसी खनन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा सकती है क्योंकि यह कानून उनके मुनाफे को कम कर सकता है।
- अगर यह कानून लागू होता है, तो इससे स्टील और सीमेंट जैसी चीज़ों के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि इनके उत्पादन में खनिजों का इस्तेमाल होता है।
- निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस मामले पर नज़र रखें और कोई भी निवेश करने से पहले पूरी जानकारी हासिल कर लें।