भारत ने साल 2024 में 57 लाख टन बासमती चावल निर्यात किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 16.3% ज़्यादा है। यह अब तक का सबसे ज़्यादा निर्यात है। इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह मध्य पूर्व, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में बासमती चावल की मांग में बढ़ोतरी है। भारत सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य की सीमा हटा दी थी, जिससे निर्यात को और बढ़ावा मिला।
मुख्य जानकारी :
- बासमती चावल के निर्यात में यह रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी भारत के लिए अच्छी खबर है। इससे किसानों को अच्छी कमाई होगी और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
- सरकार के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य की सीमा हटाने के फैसले से भारतीय बासमती चावल की कीमतें कम हुई हैं, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी मांग बढ़ी है।
- इस बढ़ोतरी से KRBL जैसी चावल निर्यातक कंपनियों को भी फायदा होगा।
निवेश का प्रभाव :
- बासमती चावल से जुड़ी कंपनियों, जैसे KRBL, में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
- कृषि क्षेत्र से जुड़े म्यूचुअल फंड में भी निवेश पर विचार किया जा सकता है।
- हालांकि, निवेश करने से पहले बाजार के अन्य आंकड़ों और विशेषज्ञों की राय को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है।