भारतीय नौसेना के लिए 6 नई पनडुब्बियां बनाने की 70,000 करोड़ रुपये की बड़ी डील में Larsen & Toubro (L&T) कंपनी को झटका लगा है। रक्षा मंत्रालय ने L&T के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है क्योंकि यह नौसेना की ज़रूरतों को पूरा नहीं करता था। L&T ने स्पेनिश कंपनी Navantia के साथ मिलकर यह प्रस्ताव दिया था।
नौसेना को ऐसी पनडुब्बियां चाहिए जो बिना हवा के तीन हफ़्ते तक पानी में रह सकें। L&T ने अपनी पनडुब्बी में ‘एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम’ का प्रदर्शन तो किया, लेकिन नौसेना को ऐसा सिस्टम चाहिए था जो समुद्र में पहले से ही परीक्षित हो।
अब इस डील की दौड़ में सिर्फ़ एक ही कंपनी बची है – सरकारी Mazagaon Dockyards Limited, जो जर्मनी की ThyssenKrupp Marine Systems के साथ मिलकर काम कर रही है।
मुख्य जानकारी :
- L&T के प्रस्ताव का रद्द होना कंपनी के लिए एक बड़ा नुकसान है, खासकर रक्षा क्षेत्र में अपने कारोबार को बढ़ाने की उसकी योजनाओं के लिए।
- Mazagaon Dockyards Limited के लिए यह एक बड़ा मौका है। अगर उसे यह डील मिलती है, तो ‘मेक इन इंडिया’ को भी बढ़ावा मिलेगा।
- यह घटना दिखाती है कि रक्षा सौदों में तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करना कितना ज़रूरी है।
निवेश का प्रभाव :
- L&T के शेयरों में थोड़ी गिरावट आ सकती है, क्योंकि यह डील कंपनी के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण थी।
- Mazagaon Dockyards Limited के शेयरों में तेज़ी आ सकती है, क्योंकि अब उसके डील जीतने की संभावना बढ़ गई है।
- रक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को सरकार की नीतियों और तकनीकी ज़रूरतों पर ध्यान देना चाहिए।
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