भारत सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी पनडुब्बी निर्माण योजना, प्रोजेक्ट 75I, में लगभग एक साल की देरी की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट के तहत, Mazagon Dock Shipbuilders Limited (MDL) के नेतृत्व में छह उन्नत पनडुब्बियां बनाई जानी हैं, जिनकी अनुमानित लागत 6 अरब डॉलर है। यह देरी मुख्य रूप से तकनीकी चुनौतियों और कोविड-19 महामारी के कारण आई है।
MDL, जो भारत की प्रमुख रक्षा शिपयार्ड कंपनी है, इस प्रोजेक्ट के लिए विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही है। हालांकि, तकनीक हस्तांतरण और स्वदेशीकरण में कुछ समस्याओं के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हो रही है।
मुख्य जानकारी :
- प्रोजेक्ट 75I भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- यह देरी भारत की रक्षा तैयारियों को प्रभावित कर सकती है।
- MDL और भारत सरकार को इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है।
निवेश का प्रभाव :
- इस देरी का MDL के शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- रक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर नज़र रखना ज़रूरी है।
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