मंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) ने टोल्यूनि बनाने की नई यूनिट शुरू की है। इससे भारत में टोल्यूनि का उत्पादन बढ़ेगा और हमें बाहर से कम टोल्यूनि मंगाना पड़ेगा। टोल्यूनि एक महत्वपूर्ण रसायन है जिसका इस्तेमाल दवाइयाँ, पेंट, और रक्षा उद्योग में होता है।
अभी भारत में हर साल लगभग 650 हजार मीट्रिक टन टोल्यूनि की ज़रूरत होती है, लेकिन यहाँ सिर्फ़ 160 हजार मीट्रिक टन ही बनता है। MRPL की नई यूनिट से हर साल 40 हजार मीट्रिक टन टोल्यूनि और बनेगा। इससे भारत को हर साल लगभग 30 लाख डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी।
यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल टोल्यूनि के आयात में कमी आएगी, बल्कि देश में रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मुख्य जानकारी :
- MRPL की नई यूनिट से भारत में टोल्यूनि का उत्पादन बढ़ेगा।
- इससे टोल्यूनि के आयात में कमी आएगी और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
- यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
- इससे पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
निवेश का प्रभाव :
MRPL के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, पेट्रोकेमिकल क्षेत्र की दूसरी कंपनियों को भी इस खबर से फ़ायदा हो सकता है। निवेशकों को इस क्षेत्र पर नज़र रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
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