सीबीआई की एक विशेष अदालत ने नव भारत वेंचर्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया है। यह मामला 2012 में उठा था, जब भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। सीबीआई ने इस मामले में कई कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें नव भारत वेंचर्स भी शामिल थी।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई आरोपों को साबित करने में नाकाम रही है। अदालत ने यह भी कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई थी और कंपनी ने कोई भी नियम नहीं तोड़ा था।
मुख्य जानकारी :
- यह फैसला नव भारत वेंचर्स के लिए एक बड़ी राहत है। कंपनी पर लगे आरोपों के कारण उसकी साख को नुकसान पहुँचा था और उसके शेयरों में गिरावट आई थी।
- यह फैसला सीबीआई के लिए एक झटका है, क्योंकि वह कोयला घोटाले से जुड़े कई मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने में नाकाम रही है।
- इस फैसले से अन्य कंपनियों को भी राहत मिल सकती है, जिन पर कोयला घोटाले से जुड़े आरोप लगे हैं।
निवेश का प्रभाव :
- इस फैसले से नव भारत वेंचर्स के शेयरों में तेजी आ सकती है। निवेशक अब कंपनी में निवेश करने के लिए अधिक आश्वस्त हो सकते हैं।
- यह फैसला ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी सकारात्मक है, क्योंकि इससे कोयला खनन कंपनियों को राहत मिल सकती है।
- हालांकि, निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह फैसला केवल एक मामले से संबंधित है। कोयला घोटाले से जुड़े अन्य मामले अभी भी अदालत में लंबित हैं।
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