सरकारी कंपनी एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) अपनी एक और कंपनी, बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड (BSUL) में लगभग ₹239.09 करोड़ का निवेश करने जा रही है। यह निवेश उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में 1200 मेगावाट (MW) का एक बड़ा सोलर पार्क बनाने के लिए किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग ₹796.96 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। यह सोलर पार्क नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (UMREPP) योजना के तहत बनेगा। इस योजना का मकसद देश में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। एनएचपीसी का यह कदम भारत सरकार के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
मुख्य जानकारी :
इस खबर में सबसे ज़रूरी बात यह है कि एक बड़ी सरकारी बिजली कंपनी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा निवेश कर रही है। 1200 मेगावाट का सोलर पार्क काफी बड़ा होता है और इससे उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। यह परियोजना केंद्र सरकार की अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा है। BSUL, जिसमें एनएचपीसी निवेश कर रही है, इसी सोलर पार्क को विकसित करने के लिए बनाई गई है। इस खबर से यह भी पता चलता है कि सरकार और सरकारी कंपनियां अब जलविद्युत के साथ-साथ सौर ऊर्जा पर भी ध्यान दे रही हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से न केवल बिजली मिलेगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
निवेश का प्रभाव :
एनएचपीसी का यह निवेश कंपनी के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है। सौर ऊर्जा भविष्य का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इसमें निवेश करने से एनएचपीसी को लंबी अवधि में फायदा हो सकता है। यह खबर अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रुचि रखने वाले निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस तरह की बड़ी परियोजनाओं से इस क्षेत्र की कंपनियों के विकास की संभावना बढ़ती है। हालांकि, निवेशकों को इस परियोजना की प्रगति और एनएचपीसी के प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा। बाजार के पुराने रुझानों और आर्थिक संकेतकों को देखें तो सरकार का हरित ऊर्जा पर जोर भविष्य में इस क्षेत्र के लिए और भी अवसर ला सकता है। इसलिए, अक्षय ऊर्जा से जुड़ी कंपनियों में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी लेना ज़रूरी है।