देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी NTPC और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) ने साथ मिलकर परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों ने एक जॉइंट वेंचर बनाया है जिसका नाम “अश्विनी” है। पहले इस जॉइंट वेंचर में NTPC की 49% और NPCIL की 51% हिस्सेदारी थी, लेकिन अब इसे बदलकर 51:49 कर दिया गया है, यानी NPCIL के पास ज़्यादा कंट्रोल होगा।
इस समझौते के तहत, अश्विनी मध्य प्रदेश में 1400 मेगावाट का चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र और राजस्थान में 2800 मेगावाट का माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाएगी। यह दोनों संयंत्र भारत में ही विकसित की गई प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।
मुख्य जानकारी :
- यह समझौता भारत के लिए परमाणु ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इससे NTPC को अपने बिजली उत्पादन में कोयले पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी और वह स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ सकेगा।
- NPCIL को NTPC का साथ मिलने से परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
- माही बांसवाड़ा परियोजना को अब अश्विनी कंपनी द्वारा चलाया जाएगा, जिससे इस परियोजना में तेज़ी आने की उम्मीद है।
निवेश का प्रभाव :
- NTPC के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है क्योंकि कंपनी अब तेज़ी से बढ़ते परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश कर रही है।
- परमाणु ऊर्जा से जुड़ी दूसरी कंपनियों, जैसे कि भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T), को भी इस समझौते से फायदा हो सकता है।
- लंबी अवधि में, यह समझौता भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए सकारात्मक है और इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मज़बूत होगी।