OPEC (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) गुरुवार को अपनी बैठक में तेल उत्पादन में कटौती को 2025 की पहली तिमाही के अंत तक बढ़ाने पर विचार कर सकता है। इसका मतलब है कि OPEC देश कम तेल का उत्पादन करेंगे, जिससे तेल की आपूर्ति कम हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।
यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि दुनिया में तेल की मांग कम है और कीमतें गिर रही हैं। OPEC देशों को उम्मीद है कि उत्पादन में कटौती से तेल की कीमतें स्थिर होंगी और उन्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा।
मुख्य जानकारी :
- OPEC के इस फैसले से दुनिया भर में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- भारत जैसे तेल आयातक देशों को महंगा तेल खरीदना पड़ सकता है, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- तेल कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है क्योंकि उन्हें तेल के ऊंचे दामों पर मुनाफा होगा।
निवेश का प्रभाव :
- अगर तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो तेल कंपनियों (ONGC, Reliance Industries) के शेयरों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
- पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर रहने वाले उद्योगों (जैसे एयरलाइंस, परिवहन) के शेयरों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई बढ़ा सकती हैं।
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