सऊदी अरब, रूस और कजाकिस्तान ने हाल ही में एक बयान जारी करके OPEC+ समझौते के तहत की गई स्वैच्छिक तेल उत्पादन कटौती को पूरी तरह से लागू करने पर ज़ोर दिया है। OPEC+ तेल उत्पादक देशों का एक समूह है जो तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए मिलकर काम करता है।
इससे पहले अप्रैल 2023 में OPEC+ देशों ने तेल की कीमतों को गिरने से बचाने के लिए स्वेच्छा से उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया था। यह कटौती नवंबर 2024 तक लागू रहने वाली थी। सऊदी अरब, रूस और कजाकिस्तान ने इस बयान के ज़रिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वे इस समझौते का पूरी तरह से पालन करेंगे और तेल बाज़ार में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुख्य जानकारी :
- सऊदी अरब, रूस और कजाकिस्तान OPEC+ समूह के प्रमुख सदस्य हैं और तेल उत्पादन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
- इन देशों द्वारा उत्पादन में कटौती जारी रखने से तेल की आपूर्ति कम होगी और कीमतें ऊपर रह सकती हैं।
- यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है क्योंकि तेल की ऊंची कीमतों से पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है।
- ONGC, Reliance Industries जैसी भारतीय कंपनियों के शेयरों पर इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।
- पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर रहने वाले उद्योगों, जैसे एयरलाइंस और परिवहन, को लागत बढ़ने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
- निवेशकों को तेल बाज़ार की स्थिति पर नज़र रखनी चाहिए और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लेने चाहिए।
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