पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने साफ़ किया है कि उसके दाहेज टर्मिनल पर गैस को तरल से वापस गैस में बदलने (रीगैसीफिकेशन) की दरें काफी प्रतिस्पर्धी हैं। कंपनी का कहना है कि वह किसी भी तरह का एकाधिकार नहीं चलाती है और उसके दाम दूसरे टर्मिनल्स के मुकाबले काफी कम हैं।
दरअसल, कुछ लोगों ने चिंता जताई थी कि पेट्रोनेट दुनिया में सबसे ज़्यादा रीगैसीफिकेशन शुल्क वसूल रही है। इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि वह अपने ग्राहकों के साथ समझौते के आधार पर दाम तय करती है और ये दाम बिल्कुल सही हैं।
मुख्य जानकारी :
- पेट्रोनेट एलएनजी भारत की सबसे बड़ी एलएनजी इम्पोर्ट करने वाली कंपनी है।
- कंपनी का दाहेज टर्मिनल गुजरात में है और यह भारत का सबसे पुराना और बड़ा एलएनजी टर्मिनल है।
- पेट्रोनेट के दामों को लेकर उठे सवालों से कंपनी के शेयरों में थोड़ी गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन लंबे समय में कंपनी की मज़बूत स्थिति बनी रहेगी।
निवेश का प्रभाव :
- पेट्रोनेट एलएनजी के शेयरों में निवेश करने वाले लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है।
- कंपनी का कारोबार मज़बूत है और आने वाले समय में एलएनजी की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
- फिर भी, निवेश करने से पहले बाजार के हालात और कंपनी के प्रदर्शन पर नज़र रखना ज़रूरी है।
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