सारांश:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर ने हाल ही में कहा है कि RBI, भारत के सरकारी बॉन्ड को वैश्विक इंडेक्स में शामिल किए जाने के बाद विदेशी निवेश से होने वाली किसी भी अस्थिरता को संभालने में पूरी तरह सक्षम है।
जून 2024 से, जेपी मॉर्गन अपने उभरते बाजारों के सरकारी बॉन्ड इंडेक्स में भारत को शामिल करेगा। इससे भारत के बॉन्ड बाजार में भारी विदेशी निवेश आने की उम्मीद है। कुछ अनुमानों के अनुसार, यह निवेश 20-40 बिलियन डॉलर तक हो सकता है।
RBI डिप्टी गवर्नर ने आश्वासन दिया है कि RBI के पास इस तरह के निवेश से होने वाली किसी भी अस्थिरता से निपटने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। उन्होंने कहा कि RBI रुपये के मूल्य में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करेगा।
मुख्य अंतर्दृष्टि:
- भारत के बॉन्ड को वैश्विक इंडेक्स में शामिल करने से विदेशी निवेशकों का ध्यान भारत की ओर आकर्षित होगा।
- इससे बॉन्ड बाजार में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे रुपये के मूल्य में तेजी आ सकती है।
- RBI, रुपये में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए हस्तक्षेप करेगा और बाजार को स्थिर रखने का प्रयास करेगा।
निवेश निहितार्थ:
- विदेशी निवेश से बॉन्ड की मांग बढ़ेगी, जिससे बॉन्ड की कीमतें बढ़ सकती हैं और उपज कम हो सकती है।
- निवेशकों को बॉन्ड बाजार में निवेश के नए अवसर मिल सकते हैं।
- RBI के हस्तक्षेप से रुपये में स्थिरता बनी रहेगी, जो विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार को और आकर्षक बनाएगा।