रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने हालिया बुलेटिन में बताया है कि 2024-25 की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि और तेज़ होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण घरेलू खपत में बढ़ोतरी है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। अच्छी फसल होने से ग्रामीण मांग बढ़ रही है, और सरकार द्वारा infrastructure पर खर्च करने से भी अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है।
हालांकि, RBI ने यह भी कहा है कि वैश्विक स्तर पर कुछ चुनौतियां हैं, जैसे कि महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, जो भारत की विकास दर को प्रभावित कर सकती हैं।
मुख्य जानकारी :
- तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: RBI का अनुमान है कि 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहेगी।
- ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी: अच्छी फसल और सरकार द्वारा किए जा रहे infrastructure खर्च से ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
- वैश्विक चुनौतियां: महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसी वैश्विक चुनौतियां भारत की विकास दर को प्रभावित कर सकती हैं।
निवेश का प्रभाव :
RBI के इस बुलेटिन से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और आगे भी अच्छी तरह से बढ़ने की उम्मीद है। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा संकेत है, खासकर उन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए जो घरेलू खपत से जुड़े हैं, जैसे कि FMCG, ऑटोमोबाइल, और consumer durables.
हालांकि, वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को diversify करना चाहिए।
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