रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि सितंबर 2024 के अंत तक बैंकों का कुल NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) अनुपात घटकर 16.8% हो गया है। NPA वो कर्ज होते हैं जिनकी वसूली बैंक नहीं कर पाते हैं। यह अनुपात पिछले सालों की तुलना में कम है, जिससे पता चलता है कि बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) 2.5% है, जो कि RBI के नियमों के हिसाब से काफी अच्छा है। CAR से पता चलता है कि बैंक कितने मजबूत हैं और मुश्किल समय का सामना करने में कितने सक्षम हैं।
मुख्य जानकारी :
- NPA में कमी: NPA में कमी होना अच्छी खबर है क्योंकि इससे बैंकों को नुकसान कम होता है और वे ज्यादा कर्ज दे सकते हैं।
- मजबूत पूंजी: बैंकों का CAR अच्छा होने का मतलब है कि वे आर्थिक झटकों को बेहतर तरीके से झेल सकते हैं।
- सतर्क रहने की जरूरत: हालांकि बैंकों की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन RBI ने कहा है कि NPA पर नजर रखना जरूरी है, खासकर कुछ क्षेत्रों में जहां NPA ज्यादा है।
निवेश का प्रभाव :
- बैंकिंग शेयरों में तेजी: यह रिपोर्ट बैंकिंग शेयरों के लिए अच्छी खबर है। निवेशक बैंकिंग सेक्टर में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
- सावधानी बरतें: निवेशकों को NPA के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
- विविधता बनाए रखें: सिर्फ एक सेक्टर में निवेश करने के बजाय, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना हमेशा बेहतर होता है।
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