रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में एक अल्पसंख्यक शेयरधारक, सपना गोविंद राव ने, बर्मन परिवार द्वारा कंपनी के अधिग्रहण को रोकने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। बर्मन परिवार, जो पहले से ही रेलिगेयर में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है, ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक खुली पेशकश की है। राव का दावा है कि यह अधिग्रहण अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों के खिलाफ है और इसमें कुछ अनियमितताएं हैं।
मुख्य जानकारी :
- यह मामला कॉरपोरेट गवर्नेंस और अल्पसंख्यक शेयरधारकों के अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण है।
- अगर अदालत राव की याचिका स्वीकार करती है, तो बर्मन परिवार का अधिग्रहण रुक सकता है, जिससे रेलिगेयर के भविष्य पर असर पड़ेगा।
- इस मामले का फैसला अन्य कंपनियों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है, खासकर जहां अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हित शामिल हों।
निवेश का प्रभाव :
- रेलिगेयर के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को इस मामले के परिणाम पर नजर रखनी चाहिए।
- अदालत के फैसले से शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
- निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें।