अमेरिका में कच्चे तेल का भाव कल 1% बढ़कर 71.72 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका में तेल के भंडार में उम्मीद से ज़्यादा कमी आई है। इसका मतलब है कि तेल की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, चीन में आर्थिक विकास की उम्मीद भी बढ़ी है, जिससे आने वाले समय में तेल की मांग और बढ़ने की संभावना है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिका में तेल के भंडार में कमी का मतलब है कि तेल की मांग आपूर्ति से ज़्यादा है।
- चीन दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। अगर चीन में आर्थिक विकास होता है, तो वहां तेल की मांग बढ़ेगी, जिससे दुनिया भर में तेल के दाम बढ़ सकते हैं।
- तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल के दाम बढ़ने से तेल कंपनियों के शेयरों में तेज़ी आ सकती है।
- अगर आपको लगता है कि तेल के दाम आगे भी बढ़ेंगे, तो आप तेल कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
- लेकिन याद रखें, शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, इसलिए निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लें।
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