स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने घोषणा की है कि वह 2026 में अपनी तसरा कोकिंग कोल खदान में परिचालन शुरू करेगा। कंपनी का लक्ष्य 2031 तक अपनी इस्पात उत्पादन क्षमता को 35.65 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ाना है। यह कदम सेल को अपनी कच्चे माल की ज़रूरतों को पूरा करने और इस्पात उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। कोकिंग कोल इस्पात उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है, और इस खदान के शुरू होने से सेल को अपनी उत्पादन लागत कम करने में मदद मिलेगी। कंपनी अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत से निवेश भी कर रही है।
मुख्य जानकारी :
सेल का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कोकिंग कोल की आपूर्ति सीमित है और इसकी कीमतें अक्सर अस्थिर रहती हैं। अपनी खुद की कोकिंग कोल खदान होने से, सेल को आपूर्ति की सुरक्षा मिलेगी और वह अपनी उत्पादन लागत को नियंत्रित कर सकेगा। यह सेल को बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा। इसके साथ ही, सेल का उत्पादन क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य भारत के इस्पात उद्योग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत सरकार का लक्ष्य देश को इस्पात उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है, और सेल का यह निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
निवेश का प्रभाव :
सेल के इस कदम से कंपनी के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि इस्पात उद्योग एक चक्रीय उद्योग है, और इसकी कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थितियों से प्रभावित होती हैं। इसलिए, निवेशकों को सेल के शेयरों में निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन, सेल के इस कदम से आने वाले समय में कंपनी के लाभ में वृद्धि हो सकती है। इस्पात क्षेत्र में सरकारी निवेश भी बढ़ रहा है जोकि इस क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है।