भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त वर्ष 2025 में अब तक 50,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करके पूंजी जुटाई है। यह बॉन्ड अलग-अलग तरह के हैं, जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड और Basel-III-compliant Tier 2 बॉन्ड। SBI ने यह कदम बढ़ते कर्ज की मांग को पूरा करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए उठाया है। बैंक का लक्ष्य कर्ज देने की क्षमता को मजबूत करना और बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करना है।
मुख्य जानकारी :
- SBI का यह कदम बताता है कि बैंक देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
- बैंक को भरोसा है कि बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाने से कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से देश में सड़क, बिजली, और अन्य बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट को बल मिलेगा।
- Basel-III-compliant Tier 2 बॉन्ड से बैंक की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी।
निवेश का प्रभाव :
- SBI के बॉन्ड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि SBI एक सरकारी बैंक है और इसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है।
- बॉन्ड में निवेश से निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर पर नियमित आय हो सकती है।
- लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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