भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को 9% पर रखने का फैसला किया है। MCLR वो दर होती है जिससे नीचे बैंक कर्ज नहीं दे सकता। यानी, SBI से लिया गया कोई भी कर्ज, जैसे होम लोन या पर्सनल लोन, इस 9% से कम ब्याज दर पर नहीं मिलेगा।
यह खबर थोड़ी हैरान करने वाली है क्योंकि हाल ही में SBI ने कुछ खास अवधि के कर्जों पर MCLR बढ़ाया था। लेकिन ऐसा लगता है कि बैंक अभी और इंतज़ार करना चाहता है और देखना चाहता है कि बाजार में ब्याज दरों का क्या रुख रहता है।
मुख्य जानकारी :
- स्थिर दरें: SBI का यह फैसला बताता है कि फिलहाल बैंक ब्याज दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करना चाहता।
- ग्राहकों के लिए राहत: जिन लोगों ने SBI से होम लोन या दूसरे लंबी अवधि के कर्ज लिए हैं, उनके लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि उनकी EMI में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
- बाजार का रुख: SBI के इस फैसले से अंदाजा लगता है कि आने वाले समय में ब्याज दरों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होगा।
निवेश का प्रभाव :
- कर्ज लेने वालों के लिए: अगर आप SBI से होम लोन या कोई और कर्ज लेने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है क्योंकि ब्याज दरें फिलहाल स्थिर हैं।
- निवेशकों के लिए: SBI के शेयरों में निवेश करने वाले लोग इस खबर पर ध्यान दें। स्थिर ब्याज दरों का असर बैंक के मुनाफे पर पड़ सकता है।