आज ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव गिर गया और यह 66.26 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। इसमें 1.70 डॉलर की कमी आई, जो कि 2.5% की गिरावट है। इसका मतलब है कि कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी कमी आई है।
मुख्य जानकारी :
कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट कई वजहों से हो सकती है। एक तो यह कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए मामलों के बढ़ने की आशंका है, जिससे लोगों को लग रहा है कि शायद तेल की मांग कम हो जाएगी। दूसरा कारण यह हो सकता है कि कुछ प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने आने वाले समय में ज्यादा तेल उत्पादन करने का फैसला किया है, जिससे बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ सकती है। जब किसी चीज की आपूर्ति ज्यादा होती है और मांग कम होती है, तो आमतौर पर उसकी कीमत गिर जाती है। इस गिरावट का असर उन कंपनियों पर पड़ सकता है जो तेल और गैस के कारोबार से जुड़ी हैं।
निवेश का प्रभाव :
तेल की कीमतों में इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। खासकर उन कंपनियों के शेयरों पर जो तेल विपणन (oil marketing) या तेल उत्पादन के क्षेत्र में हैं। अगर तेल की कीमतें लंबे समय तक कम रहती हैं, तो इन कंपनियों की कमाई पर दबाव आ सकता है। हालांकि, इसका फायदा उन क्षेत्रों को मिल सकता है जो तेल को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि पेंट बनाने वाली कंपनियां या परिवहन क्षेत्र। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस खबर को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश की रणनीति पर विचार करें और देखें कि उनके पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों पर इसका क्या असर हो सकता है। बाजार के दूसरे संकेतों और आर्थिक आंकड़ों पर भी ध्यान देना जरूरी है।