भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नया प्रस्ताव रखा है जिससे कंपनियों के कर्मचारियों को नॉन-कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज (NCS) में निवेश करने में और आसानी होगी।
अभी क्या होता है? जब कोई कंपनी कोई बड़ी घोषणा करने वाली होती है, जैसे कि तिमाही नतीजे या कोई नया प्रोजेक्ट, तो उससे पहले कुछ समय के लिए कर्मचारियों को कंपनी के शेयर खरीदने या बेचने की मनाही होती है। इसे ट्रेडिंग विंडो बंद होना कहते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी को भी कंपनी के अंदरूनी जानकारी का फायदा उठाकर गलत तरीके से मुनाफा कमाने का मौका न मिले।
लेकिन SEBI का कहना है कि नॉन-कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज, जैसे कि डिबेंचर या बॉन्ड, शेयरों से अलग होते हैं। इनमें निवेश करने से कंपनी के अंदरूनी कामकाज के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। इसलिए SEBI ने प्रस्ताव दिया है कि ट्रेडिंग विंडो बंद होने पर भी कर्मचारी इनमें निवेश कर सकेंगे।
मुख्य जानकारी :
- SEBI का यह प्रस्ताव निवेश को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इससे कंपनियों को पैसा जुटाने में मदद मिलेगी क्योंकि कर्मचारी अब बिना किसी रोक-टोक के नॉन-कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज में निवेश कर सकेंगे।
- यह नियम उन सभी कंपनियों पर लागू होगा जो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं।
निवेश का प्रभाव :
- अगर आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं जो नॉन-कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज जारी करती है, तो यह आपके लिए एक अच्छा निवेश का मौका हो सकता है।
- लेकिन निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल कर लें।
- यह भी ध्यान रखें कि नॉन-कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज में निवेश जोखिम से खाली नहीं है।
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