चीनी उद्योग काफी समय से अतिरिक्त चीनी के निर्यात की मांग कर रहा है और जल्द ही इस पर फैसला आने की उम्मीद है। भारत दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देशों में से एक है, और इस साल हमारे पास काफी ज़्यादा चीनी है। इस वजह से चीनी मिलों के गोदाम भर गए हैं और उन्हें नई फसल रखने की जगह नहीं है।
अगर सरकार चीनी निर्यात की अनुमति दे देती है, तो इससे चीनी मिलों को अपना स्टॉक खाली करने और कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी। इससे किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें गन्ने का उचित दाम मिल सकेगा।
मुख्य जानकारी :
- चीनी उद्योग के लिए निर्यात बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे उन्हें अतिरिक्त चीनी बेचने का मौका मिलता है।
- निर्यात से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
- अगर निर्यात की अनुमति मिल जाती है, तो चीनी मिलों का मुनाफा बढ़ सकता है और वे किसानों को समय पर भुगतान कर सकेंगे।
- लेकिन, ज़रूरत से ज़्यादा निर्यात से देश में चीनी की कमी भी हो सकती है, इसलिए सरकार को संतुलन बनाए रखना होगा।
निवेश का प्रभाव :
- अगर सरकार निर्यात की अनुमति देती है, तो चीनी कंपनियों के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को Balrampur Chini, Dwarikesh Sugar, Triveni Engineering जैसी बड़ी चीनी कंपनियों पर नज़र रखनी चाहिए।
- यह भी ध्यान रखें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें और सरकार की नीतियां चीनी कंपनियों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं।
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