भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक बड़ा बदलाव किया है जिससे अब सभी स्टॉक ब्रोकर T+0 सेटलमेंट साइकिल में हिस्सा ले सकते हैं। इसका मतलब है कि अब आप शेयर खरीदने के उसी दिन उसे बेच भी सकते हैं। पहले, शेयर बेचने के लिए अगले दिन (T+1) का इंतज़ार करना पड़ता था।
SEBI ने ब्रोकरेज चार्ज के बारे में भी नियम बनाए हैं। ब्रोकर T+0 और T+1 के लिए अलग-अलग ब्रोकरेज चार्ज कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह जानकारी अपने ग्राहकों को पहले से देनी होगी।
मुख्य जानकारी :
- निवेशकों के लिए ज़्यादा सुविधा: T+0 सेटलमेंट से निवेशक शेयर बाजार में और तेज़ी से कारोबार कर सकेंगे।
- ब्रोकर के लिए नया मौका: ब्रोकर T+0 सेटलमेंट के लिए अलग-अलग सेवाएं और चार्ज देकर अपना बिज़नेस बढ़ा सकते हैं।
- बाजार में तेज़ी: T+0 सेटलमेंट से शेयर बाजार में और ज़्यादा खरीद-बिक्री हो सकती है, जिससे बाजार में तेज़ी आ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
यह बदलाव छोटे निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन, T+0 में जोखिम भी ज़्यादा है क्योंकि शेयर के दाम उसी दिन ऊपर-नीचे हो सकते हैं। इसलिए, निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच-समझ कर और अपने जोखिम को ध्यान में रखकर फैसला लें।
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