तमिलनाडु सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने का जो ठेका अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) को दिया था, उसे रद्द कर दिया है। सरकार का कहना है कि AESL ने बहुत ज़्यादा दाम माँगे थे, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
यह ठेका केंद्र सरकार की “रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम” के तहत था, जिसका मकसद पूरे राज्य में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाना है। इस योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
AESL ने इस प्रोजेक्ट के लिए चार हिस्सों में से एक में सबसे कम बोली लगाई थी, जिसमें चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जैसे ज़िलों में 82 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम शामिल था।
मुख्य जानकारी :
- तमिलनाडु सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि उन्हें लगा कि AESL के दाम दूसरे राज्यों (जैसे आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी) में माँगे गए दामों से ज़्यादा हैं।
- कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला अडानी ग्रुप के खिलाफ राजनीतिक विरोध का नतीजा हो सकता है।
- इस खबर से अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- अडानी ग्रुप के शेयरों में अस्थिरता आ सकती है। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और अडानी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए।
- इस घटना से पता चलता है कि सरकार बुनियादी ढाँचे से जुड़े प्रोजेक्ट में किफायती दामों को अहमियत दे रही है।
- स्मार्ट मीटर बनाने वाली दूसरी कंपनियों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है।