TARC कंपनी के वित्तीय बयानों की जांच के लिए सेबी ने एक फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है। यह ऑडिट वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक के बयानों का होगा। सेबी को शक है कि कंपनी ने वित्तीय जानकारी और लेनदेन का खुलासा इस तरह से किया है जिससे निवेशकों या शेयर बाजार को नुकसान हो सकता है।
TARC ने कहा है कि वह ऑडिट में पूरा सहयोग करेगी और सभी ज़रूरी जानकारी उपलब्ध कराएगी। कंपनी का मानना है कि यह ऑडिट पारदर्शिता बढ़ाएगा और निवेशकों का भरोसा मजबूत करेगा।
मुख्य जानकारी :
- सेबी का यह कदम दर्शाता है कि वह निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए गंभीर है।
- फॉरेंसिक ऑडिट से कंपनी के वित्तीय मामलों की गहराई से जांच होगी और किसी भी गड़बड़ी का पता चलेगा।
- अगर ऑडिट में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो कंपनी और उसके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
- इस खबर से TARC के शेयरों में गिरावट आ सकती है क्योंकि निवेशक अनिश्चितता से बचने के लिए शेयर बेच सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- TARC में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधान रहना चाहिए और ऑडिट के नतीजों का इंतज़ार करना चाहिए।
- अगर ऑडिट में कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाती है, तो शेयरों में फिर से तेजी आ सकती है।
- निवेशकों को कंपनी द्वारा जारी किए जाने वाले आधिकारिक बयानों और सेबी की रिपोर्ट पर नज़र रखनी चाहिए।
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