दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि आपकी रोज़ की चाय के बाद जो कॉफ़ी पीते हैं, उसकी कीमतें आसमान छू रही हैं? जी हाँ, दुनिया भर में कॉफ़ी की कीमतें 47 साल के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई हैं! पिछले साल के मुकाबले, कॉफ़ी 83% महंगी हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ब्राजील में कॉफ़ी की पैदावार में कमी। ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक देश है, और वहाँ मौसम की मार और सप्लाई चेन में दिक्कतों के कारण कॉफ़ी की पैदावार कम हुई है।
इसका असर भारत में भी दिख रहा है, खासकर टाटा कंज्यूमर जैसी कंपनियों पर, जो भारत में Starbucks चलाती है और Tata Coffee Grand जैसे ब्रांड बेचती है। कॉफ़ी महंगी होने से टाटा कंज्यूमर को अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं, या फिर उनका मुनाफा कम हो सकता है।
मुख्य जानकारी :
- कॉफ़ी की बढ़ती कीमतें: यह खबर बताती है कि कॉफ़ी की कीमतें बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं, जिसका असर कई कंपनियों और उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है।
- ब्राजील में कमी: ब्राजील में कॉफ़ी की पैदावार कम होने से पूरी दुनिया में कॉफ़ी की सप्लाई पर असर पड़ रहा है।
- टाटा कंज्यूमर पर प्रभाव: टाटा कंज्यूमर जैसी कंपनियों को इस बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके मुनाफे में कमी आ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- टाटा कंज्यूमर के शेयर: निवेशकों को टाटा कंज्यूमर के शेयरों पर नज़र रखनी चाहिए। कॉफ़ी की कीमतें बढ़ने से कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है, जिससे शेयर की कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।
- FMCG सेक्टर: यह खबर FMCG सेक्टर के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कॉफ़ी की बढ़ती कीमतों का असर दूसरे FMCG प्रोडक्ट्स पर भी पड़ सकता है।
- मुद्रास्फीति: कॉफ़ी की बढ़ती कीमतें मुद्रास्फीति को भी बढ़ा सकती हैं, जिससे RBI को ब्याज दरों में बदलाव करने पड़ सकते हैं।
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