भारतीय स्टील उद्योग ने सरकार से कुछ स्टील उत्पादों पर 25% सुरक्षा शुल्क लगाने की मांग की है। यह मांग इसलिए की गई है क्योंकि विदेशों से स्टील का आयात बढ़ रहा है जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो रहा है। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने DGTR (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज) को जिम्मेदारी सौंपी है। DGTR यह पता लगाएगा कि क्या वाकई में स्टील आयात बढ़ा है और क्या इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
DGTR इस मामले में सभी पक्षों की राय लेगा, जिसमें छोटे और मध्यम उद्योग (MSME) भी शामिल हैं जो स्टील का इस्तेमाल करते हैं। DGTR अपनी जांच पूरी करने के बाद सरकार को अपनी सिफारिशें देगा। अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।
मुख्य जानकारी :
- स्टील उद्योग का मानना है कि सस्ता आयातित स्टील उनकी बिक्री और मुनाफे को प्रभावित कर रहा है।
- अगर सुरक्षा शुल्क लगाया जाता है, तो आयातित स्टील महंगा हो जाएगा और भारतीय कंपनियों को फायदा होगा।
- लेकिन, इससे स्टील का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को नुकसान हो सकता है क्योंकि उन्हें कच्चा माल महंगा मिलेगा।
- DGTR की जांच और सरकार के फैसले का असर टाटा स्टील जैसी कंपनियों के शेयरों पर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- अगर सुरक्षा शुल्क लगता है, तो टाटा स्टील जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- लेकिन, अगर शुल्क नहीं लगता है या कम लगता है, तो इन शेयरों में गिरावट भी आ सकती है।
- निवेशकों को DGTR की जांच और सरकार के फैसले पर नजर रखनी चाहिए।
- स्टील का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों के शेयरों पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है।
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