अगस्त से अक्टूबर 2024 तक यूके में बेरोज़गारी दर 4.3% पर स्थिर रही है। यह पिछली तिमाही के समान ही है और विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार भी है। हालांकि, यह मई के बाद से सबसे ऊँचा स्तर है।
इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
- 12 महीनों तक बेरोज़गार रहने वालों की संख्या में वृद्धि: ज़्यादा लोग लंबे समय से नौकरी की तलाश में हैं।
- 6 महीने से ज़्यादा समय से बेरोज़गार लोगों की संख्या में बढ़ोतरी: लोगों को नौकरी ढूंढने में काफ़ी समय लग रहा है।
मुख्य जानकारी :
- बेरोज़गारी दर स्थिर रहने का मतलब है कि नौकरियों का बाज़ार अभी भी थोड़ा कमज़ोर है।
- लंबे समय से बेरोज़गार लोगों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- ब्याज दरों पर प्रभाव: बेरोज़गारी के आंकड़े बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के ब्याज दरों के फैसलों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर बेरोज़गारी बढ़ती है, तो बैंक ब्याज दरें कम कर सकता है ताकि अर्थव्यवस्था को गति मिले।
- पाउंड पर प्रभाव: बेरोज़गारी के आंकड़े पाउंड की कीमत को भी प्रभावित कर सकते हैं। अगर बेरोज़गारी बढ़ती है, तो पाउंड कमज़ोर हो सकता है।
- शेयर बाज़ार पर प्रभाव: बेरोज़गारी बढ़ने से कंपनियों के मुनाफ़े पर असर पड़ सकता है, जिससे शेयर बाज़ार में गिरावट आ सकती है।
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