कल अमेरिकी कच्चे तेल का वायदा भाव 1.15 डॉलर घटकर 72.62 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह गिरावट 1.56% की है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (API) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार उम्मीद से ज़्यादा बढ़ा है। इससे तेल की कीमतों पर दबाव पड़ा है।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना से भी निवेशक चिंतित हैं। इससे आर्थिक विकास धीमा हो सकता है और तेल की मांग कम हो सकती है।
- दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी से भी तेल बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।
निवेश का प्रभाव :
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं।
- तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों पर दबाव देखने को मिल सकता है।
- तेल आयात करने वाले देशों को कुछ राहत मिल सकती है।
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