अमेरिका में कच्चे तेल का भाव सोमवार को थोड़ा कम हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिकी डॉलर थोड़ा मजबूत हुआ और अमेरिका और जर्मनी से आई आर्थिक खबरें अच्छी नहीं थीं। इससे तेल की मांग कम होने की चिंता बढ़ गई।
इससे पहले, तेल का भाव बढ़ रहा था क्योंकि अमेरिकी डॉलर कमजोर हो रहा था। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप कुछ चीजों पर टैक्स लगाने की सोच रहे हैं, जिससे डॉलर कमजोर हुआ था। लेकिन बाद में ट्रंप ने इन रिपोर्ट्स को गलत बताया, जिससे डॉलर फिर से थोड़ा मजबूत हो गया।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिकी कच्चे तेल का भाव सोमवार को 0.5% गिरकर 73.5 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
- डॉलर के मजबूत होने और अमेरिका-जर्मनी की कमजोर आर्थिक खबरों से तेल की मांग पर असर पड़ सकता है।
- तेल के दाम में आगे क्या होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दुनिया में तेल की मांग कितनी है और अमेरिकी डॉलर कितना मजबूत होता है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल के दाम में गिरावट से पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं, जिससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
- तेल कंपनियों के शेयरों पर दबाव बढ़ सकता है क्योंकि तेल के दाम कम होने से उनकी कमाई कम हो सकती है।
- निवेशकों को तेल बाजार पर नजर रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
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