ET Now की एक रिपोर्ट के अनुसार, नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों (NBFC) के प्रतिनिधि जल्द ही सरकार से मिलकर अपने कामकाज को आसान बनाने के लिए कुछ नियमों में ढील देने की मांग करेंगे।
NBFC वो कंपनियां होती हैं जो बैंक जैसी सुविधाएं तो देती हैं, लेकिन बैंक नहीं होतीं। ये लोन, इंश्योरेंस और निवेश जैसी सेवाएं देती हैं।
अभी इन कंपनियों को बहुत सारे नियमों का पालन करना पड़ता है, जिससे उनके कामकाज में कई बार दिक्कतें आती हैं। इसलिए, वे चाहती हैं कि सरकार इन नियमों को थोड़ा आसान बना दे ताकि वे अपना कारोबार आसानी से बढ़ा सकें और अधिक लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकें।
मुख्य जानकारी :
- NBFC सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह छोटे कारोबारियों और ग्राहकों को ऋण प्रदान करता है जिन्हें बैंकों से ऋण मिलना मुश्किल होता है।
- अगर सरकार NBFC की मांगों को मान लेती है, तो इससे NBFC को अपना कारोबार बढ़ाने और अधिक लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी।
- हालांकि, सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि नियमों में ढील देने से कोई गड़बड़ी न हो और ग्राहकों के हितों की रक्षा होती रहे।
निवेश का प्रभाव :
- अगर सरकार NBFC की मांगों को मान लेती है, तो इससे NBFC सेक्टर में तेजी आ सकती है। इसका मतलब है कि NBFC के शेयरों में निवेश करने वालों को फायदा हो सकता है।
- हालांकि, निवेश करने से पहले यह ज़रूरी है कि आप अच्छी तरह से रिसर्च कर लें और किसी विशेषज्ञ की सलाह ले लें।