भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान हुई बातचीत पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के बीच अदानी समूह के श्रीलंका में निवेश पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई।
कोलंबो बंदरगाह परियोजना में अदानी समूह की भागीदारी का मुद्दा भी द्विपक्षीय वार्ता में नहीं उठाया गया।
मुख्य जानकारी :
- यह स्पष्टीकरण उन अटकलों को खारिज करता है कि अदानी समूह के श्रीलंकाई परियोजनाओं में निवेश को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच कोई गुप्त समझौता हुआ है।
- इससे पता चलता है कि भारत सरकार अदानी समूह के व्यावसायिक फैसलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं है।
निवेश का प्रभाव :
- अदानी समूह के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को इस खबर से थोड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि इससे कंपनी के कारोबार में सरकार के हस्तक्षेप की आशंका कम होती है।
- श्रीलंका में अदानी समूह के निवेश को लेकर अनिश्चितता बनी रह सकती है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि भविष्य में इस पर क्या चर्चा होगी।
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