रूस की सबसे बड़ी गैस कंपनी, GAZPROM ने यूक्रेन के रास्ते यूरोप को गैस सप्लाई करना बंद कर दिया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच गैस ट्रांजिट का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है और दोनों देशों के बीच नए कॉन्ट्रैक्ट को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया है।
इससे पहले, GAZPROM यूक्रेन के रास्ते यूरोप को हर दिन लगभग 4 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस भेजता था। 2023 में, इस रास्ते से यूरोप को लगभग 15 अरब क्यूबिक मीटर गैस भेजी गई थी।
इस घटना का असर मोल्दोवा जैसे देशों पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है, जो अपनी गैस ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर हैं। यूरोपीय संघ के बाकी देशों ने पहले ही वैकल्पिक स्रोतों से गैस की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है, इसलिए उन पर इसका असर कम होगा।
मुख्य जानकारी :
- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हैं, जिसका असर इस गैस सप्लाई पर भी पड़ा है।
- यूक्रेन अपने क्षेत्र से रूसी गैस के ट्रांजिट के लिए फीस लेता था, जिससे उसे अच्छी कमाई होती थी। अब यह आमदनी बंद हो जाएगी।
- यूरोपीय संघ के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि उसे अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
निवेश का प्रभाव :
- इस घटना का असर ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर पड़ सकता है।
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा) में निवेश करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस घटनाक्रम पर नज़र रखें और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लें।
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