अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि गौतम अडानी और सागर अडानी को अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी के खिलाफ चल रही अमेरिकी जांच के बारे में पता था, जब उन्होंने भारत के सबसे बड़े सोलर पार्क का हिस्सा फ्रांस की टोटल एनर्जीज़ को बेचा था। यह जांच कथित रिश्वतखोरी से जुड़ी है।
टोटल एनर्जीज़ का इस आपराधिक मामले में नाम नहीं है, लेकिन इस खबर से अडानी ग्रुप पर फिर से सवाल उठ रहे हैं। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक, FBI ने मार्च 2023 में अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी को सर्च वारंट और समन दिया था। यह टोटल एनर्जीज़ को हिस्सेदारी बेचने से एक साल से भी ज़्यादा पहले की बात है। इन दस्तावेज़ों में अडानी ग्रीन एनर्जी, उसके पूर्व CEO वनीत जैन और चेयरमैन गौतम अडानी का नाम कथित रिश्वतखोरी के मामले में जांच के दायरे में बताया गया है।
मुख्य जानकारी :
- यह खबर अडानी ग्रुप के लिए एक और झटका है, जो पहले से ही हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से मुश्किलों का सामना कर रहा है।
- अगर टोटल एनर्जीज़ को इस जांच के बारे में पता नहीं था, तो यह अडानी ग्रुप की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।
- इस खबर से अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आ सकती है और निवेशकों का भरोसा कम हो सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- अडानी ग्रुप के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधान रहना चाहिए और निवेश करने से पहले सभी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
- इस मामले पर आगे की खबरों और जांच के नतीजों पर नज़र रखना ज़रूरी है।