यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने साफ कर दिया है कि वो महंगाई को कम करने के लिए ब्याज दरें ऊंची रखने पर अड़ा हुआ है, भले ही यूरो की कीमत गिर रही हो। ECB का मानना है कि महंगाई अभी भी बहुत ज़्यादा है और उसे काबू में लाने के लिए ये ज़रूरी है।
ECB के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा है कि यूरो की कमजोरी से महंगाई बढ़ सकती है, लेकिन अभी उनका ध्यान सिर्फ़ महंगाई कम करने पर है।
मुख्य जानकारी :
- महंगाई अब भी ज़्यादा: यूरोप में महंगाई की दर अभी भी ECB के 2% के लक्ष्य से काफ़ी ऊपर है।
- ब्याज दरें ऊंची रहेंगी: ECB ने ब्याज दरें बढ़ाकर 4% कर दी हैं और आगे भी बढ़ सकती हैं।
- यूरो की कमजोरी: यूरो की कीमत डॉलर के मुकाबले गिर रही है, जिससे आयात महंगा हो सकता है और महंगाई बढ़ सकती है।
- ECB का ध्यान महंगाई पर: लेकिन ECB का कहना है कि अभी उनका पूरा ध्यान महंगाई कम करने पर है, यूरो की कीमत पर नहीं।
निवेश का प्रभाव :
- यूरोपियन शेयर बाजार: ऊंची ब्याज दरों से कंपनियों के लिए कर्ज लेना महंगा होगा, जिससे उनका मुनाफ़ा कम हो सकता है। इससे शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।
- डॉलर: डॉलर के मुकाबले यूरो कमजोर हो रहा है, तो डॉलर में निवेश करना फ़ायदेमंद हो सकता है।
- सोना: ऐसे समय में जब बाजार में अनिश्चितता होती है, सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है। सोने में निवेश बढ़ सकता है।