खबर है कि एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन), जो एक सरकारी कंपनी है और बिजली बनाती है, अगले वित्तीय वर्ष यानी 2026 में लगभग 20 अरब रुपये जुटाने की सोच रही है। यह पैसा ‘एसेट सिक्योरिटाइजेशन’ के जरिए आएगा। आसान भाषा में समझें तो कंपनी अपने कुछ ऐसे अधिकार या संपत्ति को बेचकर तुरंत पैसा हासिल करेगी जिससे उसे भविष्य में नियमित तौर पर आय होती रहेगी। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे आप अपनी कोई पुरानी चीज बेचकर अभी पैसे ले लें। मिंट अखबार की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मुख्य जानकारी :
इस खबर में सबसे ज़रूरी बात यह है कि एनएचपीसी को अगले साल कामकाज के लिए और पैसे की ज़रूरत है। ‘एसेट सिक्योरिटाइजेशन’ का मतलब है कि कंपनी के पास जो भी ऐसी चीजें हैं जिनसे उसे आगे चलकर पैसा मिलता रहेगा, जैसे कि किसी प्रोजेक्ट से होने वाली कमाई का अधिकार, उसे वह किसी और को बेच देगी और उसके बदले में अभी एकमुश्त पैसा ले लेगी। इससे कंपनी के पास तुरंत पैसा आ जाएगा जिसका इस्तेमाल वह अपने दूसरे कामों में कर सकती है, जैसे कि नए प्रोजेक्ट शुरू करना या पुराने कर्ज़ चुकाना। यह देखना होगा कि कंपनी किन संपत्तियों को सिक्योरिटाइज करने की योजना बना रही है और इससे उसे कितना फायदा होता है।
निवेश का प्रभाव :
निवेशकों के लिए इस खबर का मतलब यह हो सकता है कि एनएचपीसी भविष्य में अपने कारोबार को बढ़ाने या वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए सक्रिय है। अगर कंपनी को इस तरीके से 20 अरब रुपये मिल जाते हैं, तो उसके पास नए प्रोजेक्ट शुरू करने या पुराने कर्ज़ कम करने की क्षमता बढ़ जाएगी। यह लंबी अवधि में कंपनी के शेयरों के लिए अच्छा साबित हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान देना चाहिए कि कंपनी किन संपत्तियों को बेच रही है और इस सौदे की शर्तें क्या हैं। अगर कंपनी अच्छी आय देने वाली संपत्तियों को बेचती है, तो भविष्य में उसकी कमाई पर थोड़ा असर पड़ सकता है। इसलिए, निवेशकों को कंपनी के अगले कदमों और इस सिक्योरिटाइजेशन के पूरे प्लान पर नज़र रखनी चाहिए।